दूसरों की निंदा मे लगकर समय क्यों गँवाते हो ? अपनो के अवगुणो को हर पल क्यों दोहराते हो ? सेवा और त्याग की भाषा तुम फिर क्यों भूल जाते हो ? असीम सुखों की चाहत मे क्यों स्वार्थी बन जाते हो ? मीठे बोल से ही यहॉ अपनत्व क्यों ना बढ़ाते हो ? अपनो…
Day: December 26, 2017
चोरी # जिंदगी की किताब (पन्ना # 389)
चोरी ……जी हॉ चोरी का मतलब दूसरों के हको को छीनना , जिस पर स्वयं का वास्तविक रीति से अधिकार ही नही है ।उस पर मालिक की बिना इजाजत से अधिकार करने , उसे अपने काम मे लेने , और उसे लाभ उठाने को चोरी कहते है । आज के युग मे पैसो की खातिर…
सुप्रभात -# Quote
Good day to all divine souls … आपकी आभारी विमला विल्सन जय सच्चिदानंद 🙏🙏