नारी तेरे बिना अधूरी कहानी …..
हालाँकि आज
मे स्रियो के अधिकारो को लेकर जागरूकता बढ़ रही है फिर भी अभी और सुधार लाने की जरूरत है ।
समाज की उन्नति के लिये नारी का सम्मान करना बहुत जरूरी है ,क्योंकि नारी पुरूष का आधा अंग कहलाती है । क्या यह संभव है कि किसी का आधा अंग बलिष्ठ हो व आधा अंग निर्बल हो ।जिसका आधा अंग निर्बल होगा उसका पूरा अंग निर्बल होगा ।
संसार मे स्त्री पुरूष को जोड़ा माना जाता है । जोड़ा वह होता है जिसमें समानता हो । अगर पुरूष पढालिखा शिक्षित है व नारी मूर्खा ,तो उसे जोड़ा कैसे कहा जा सकता । स्वयं विचार करे कि क्या वह आदर्श जोड़ा कहलायेगा ?
नारियो की शक्ति कम नही है पर कई लोगों ने स्त्री समाज को पंगु बना रखा है । नारी को पाव की जूती समझना, तिरस्कार करना ,अपमान करना आदि बातो से समाज रसातल की और जा रहा है ।
पुरूष समाज की उन्नति के लिये जितने कार्य करते है ,वे सब असफलता की और रूख कर सकते है अगर महिला समूह की स्थिती को सुधारने के लिये प्रयत्न नही किया गया। यही कारण है कि आज सुधार आंदोलन अनेक प्रयत्न करने पर भी असफल हो जाते है ।
यदि भारत के उस इतिहास पर नजर
मा पर थी , उस समय नारी को बहुत उच्च दृष्टि से देखा जाता था व समाज मे उनका उच्च स्थान था । देश मे नवीन चैतन्य आना नारी की उन्नति पर भी निर्भर है ।
स्त्री की स्तुति स्वयं इंद्रो ने की है और उन्हें साक्षात देवी कहकर त्रिलोक मे उत्तम बताया है ।
नारी जग जननी का अवतार है , इन्हीं की कोख से महावीर , बुद्ध , कृष्ण, जीसस, मोहम्
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…पैदा हुये है ।
इस समाज पर नारी का भारी उपकार है ।
नारी मे प्रकृति ने जो विभेद किया है उसे मिटाया नही जा सकता अतएव उनके कर्तव्यो मे भी भेद रहेगा । कर्तव्य के अनुसार नारी को जिस अधिकार की आवश्यकता पड़ती है वह उन्हें नही देने पर अपने कर्तव्य का निर्वाह पूरी तरह नही कर पायेगी ।
बस सबसे यही गुज़ारिश है कि नारी के साथ समभाव का व्यवहार हो , इसका मतलब यह तनिक भी नही कि नारी को पुरूष के सारे अधिकार दे दि
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कार देने मे कृपणता ना की जाये ।प्रकृति का नियम याद रखना चाहिये कि बिनास्री जाति के उद्धार से किसी का भी उद्धार होना अत्यंत कठिन है ।
नारी तेरी गरिमाओं के
शुष्क न दिव्य स्त्रोत ये होंगे
तेरी महिमाओं के उज्जवल
कभी ना धूमिल तारे होंगे
सरस्वती ,लक्ष्मी ,चण्डी तु है
तु है सदा शिवाणी
तेरी लीला जन कल्याणी
तेरी महिमा न्यारी न्यारी
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
उम्दा विचार
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सराहने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद
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