जिन्दगी के कुछ टिप्स # जिंदगी की किताब (पन्ना # 340)

खाइये व खिलाइये दाल रोटी चाहे मोटी हो या पतली व कितनी भी हो कमाई

प्यासे को पिलाये पानी चाहे हो जाये कुछ हानि

आये का कीजिये मान जाते का कीजिये सम्मान

जाइये दुख मे पहले , सुख मे पीछे

सोचिये एकांत मे , करिये सबके सामने

धोइये दिल की कालिख को ,कुटुम्ब के दाग को

चलिये तो अगाडी , ध्यान रहे पिछाडी

सुनिये सबकी ,करिये मन की

बोलिये जुबान संभालकर , थोड़ा बहुत पहचानकर

लीजिये ज़िम्मेदारी उतनी , संभाल सके जितनी

रखिये चीज जगह पर, जो मिल जाये समय पर

भूलिये अपनी बढ़ाई को , दूसरो की भलाई को

रखिये याद क़र्ज़ चुकाने की , मर्ज को मिटाने की

छोड़िये अमचूर की खटाई , रोज की मिठाई

पीजिये दूध खड़े होकर , दवा पानी बैठकर

देखिये मॉ का ममत्व , पत्नी का धर्म


आपकी आभारी विमला विल्सन

जय सच्चिदानंद 🙏🙏

4 Comments Add yours

  1. बहुत खूब लिखा है

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया

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