बिना कहे जो सब कुछ कह जाते हैं
बिना कसूर के जो सब कुछ सह जाते हैं
दूर रह कर भी अपना फर्ज निभाते हैं
वही रिश्ते सच में अपने कहलाते हैं ।
दुनिया में दो पौधे ऐसे हैं
जो कभी मुरझाते नहीं और
अगर जो मुरझा गए तो उसका
कोई इलाज नहीं
पहला – नि:स्वार्थ प्रेम
और दूसरा – अटूट विश्वास
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏