1. ग़ुस्सा और तूफ़ान दोनों एक जैसे हैं
ठंडा होने के बाद ही पता चलता है कितना नुक़सान हुआ है
2. किसी को उतना ही सुनाओ
जितना खुद सुन सकते हो
3. रिश्तो में बढ़ती नफरत का एक कारण ये भी है कि
लोग दूसरो को तो आईना दिखाते है
लेकिन खुद का आईना नही देखना चाहते
4. ईश्वर की बनायी ये सृष्टि बेशकीमती खजानो से भरी हुई है
और मज़ेदार बात ये है कि इसका एक भी चौकीदार नहीं है
व्यवस्था ऐसी की गई है कि दुनिया में अनगिनत व्यक्तियों का आवागमन होता है
किंतु यहाँ से कोई भी एक तीली तक नहीं ले जा सकता
हर पल में पूरी सदियाँ जीयें,एक पल में सौ पल जीयें
आंखें बंद होने से पहले,चलो एक दूजे में ज़िंदगी पूरी जी लें
5. दिखावे के लिए नहीं ,अंदर से अच्छे बनो
क्योंकि परमात्मा तुम्हें बाहर से नहीं बल्कि अंदर से जानता है
आपकी आभारी विमला
जय सच्चिदानंद 🙏🙏