1. सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है परंतु जीवन का अर्थ “अर्थपूर्ण जीवन” जीकर और संबंध का अर्थ “संबंध निभाकर” ही मिल सकता है
मिलते रहना सबसे किसी न किसी बहाने से
रिश्ते मजबूत बनते हैं दो पल साथ बिताने से
2. बाहरी शोर का हम कुछ नहीं कर सकते है
लेकिन आंतरिक शोर को मौन से जरूर कम कर सकते है
मौन अपने विचारों को बेहतर आकार देने में मदद करता है
3. “सच्चाई” और “अच्छाई” कभी भी भीड़ को साथ लेकर नहीं चलती
यह तो हमेशा अकेले और “ईश्वर” की कृपा से ही चलती है
“अच्छी भूमिका” ,”अच्छे लक्ष्य” और “अच्छे विचारों” वाले लोगों का हमेशा स्मरण किया जाता है
“मन”से भी, “शब्दों”से भी और “जीवन” में भी
4. इच्छाये ही है
जो इन्सान को ज़िंदगी में व्यस्त रखती है
नहीं तो इन्सान ज़िंदगी से ऊब जाए
5.चंदन से वंदन ज्यादा शीतल होता है
योगी होने के बजाय उपयोगी होना ज्यादा अच्छा है
प्रभाव अच्छा होने के बजाय स्वभाव अच्छा होना ज्यादा ज़रूरी है
हँसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है
मगर हँसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है
6. रिश्तो की चाय में चीनी ज़रा नाप कर डालना
फीकी हुईं तो स्वाद नहीं आयेगा
ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जायेगा
7. किसी अच्छे इंसान से गलती हो तो सहन कर लेना
क्योंकि मोती अगर कचरे में भी गिर जाये तो भी
कीमती रहता है
आज का सुविचार