1. सुख और दुःख दोनों हमारे कर्मों के अनुसार हमें प्राप्त होते है इंसान दोनों स्थितियों में बेबस है दु:ख बेच नहीं सकता और सुख को खरीद नहीं सकता 2. सबकुछ कॉपी हो सकता है मगर व्यवहार और चरित्र नही 3. सुई जब चलती है तभी सुंदर पोशाक बनती है हर चुभने वाली चीज का…
Category: कर्म
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कर्म क्या है ? हमारे शब्द , हमारे कार्य , हमारी भावनायें , हमारी गतिविधियॉ , हमारे विचार ही हमारे कर्म है आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏