1. प्रशंसा से पिघलना मत ,
आलोचना से उबलना मत
निःस्वार्थ भाव से “कर्म” करते रहो
क्योंकि इस “धरा” का ,
इस “धरा” पर ,
सब “धरा” रह जाएगा
2. जीवन की परीक्षा में कोई अंक नहीं मिलते हैं
मगर लोग आपको ह्रदय से स्मरण करते हैं तो समझ लेना आप उत्तीर्ण हो गए
3. कोशिश यही करे
शब्दों की माला ऐसी बनाये
जिसे भी पहनाये
उसके उदास चेहरे पर
मुस्कुराहट आ जाये
4. प्रेम ,आदर और स्वभाव “खुशियों” की कुंजी है
रिश्ते एक दिन की नहीं सारे जीवन की पूंजी है
5. बिना वजह ली गई हाय
किसी और का खाया हुआ हक
जीवन में कभी न कभी दुख जरूर देता है
6. परखता तो “वक़्त” है कभी “हालात” के रूप में और कभी “मज़बूरीयो” के रूप में
भाग्य तो बस आपकी काबिलियत देखता है
जीवन में कभी किसी से अपनी तुलना मत करो
आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ है , ईश्वर की हर रचना अपने आप मे सर्वोत्तम हैं ,अद्भुत है
7. हम मण भर जमा करने की सोचते हैं
जबकि क्षण भर भी खुद का भरोसा नही
8. रिश्ता चाहे जो कोई भी हो
हरा उतना ही रखो जितना वो ख़ुद ख़रा हो
9.हर रिश्ते में मुनाफा मत खोजिए
कुछ रिश्ते सुकून भी दे जाते हैं
10. सम्बन्ध एक खूबसूरत इमारत की तरह होते हैं,
यदि कभी कभार हल्की फुल्की दरारें नज़र आएं
तो उनकी मरम्मत की जाती है,
इमारत नहीं ढहाई जाती
11. रिमझिम तो है मगर सावन गायब है
बच्चे तो है मगर बचपन गायब है
क्या हो गई है तासीर जमाने की यारो
अपने तो है मगर अपनापन गायब है
12. संबंध बड़े नहीं होते
उसे संभालने वाले बड़े होते है
13. गलती हर इंसान से होती है
लेकिन सुधारता वही इंसान है जो दिल का साफ होता है
और रिश्तों को खोना नहीं चाहता
14. ज़िन्दगी से परेशान मत हुआ करो दोस्तों !!
ऊपर वाले ने सबको खूबसूरत बनाया है
किसी को अच्छी सूरत देकर
तो किसी को अच्छा दिल देकर
15. कोई भी नेक काम जो बिना किसी स्वार्थ के किया जाये
आपको उसका फल ब्याज सहित वापस मिलता हीं मिलता है
16.,दौलत से सिर्फ “सुविधाये” मिलती है “सुख” नहीं
सुख मिलता है आपस के प्यार से व अपनों के साथ से
अगर सिर्फ “सुविधाओं” से “सुख” मिलता तो धनवान लोगों को कभी “दुख” न होता
17. “वक़्त” के भी अजीब क़िस्से हैं
किसी का कटता नहीं है
और किसी के पास होता नही
“वक़्त” दिखाई नहीं देता है
पर बहुत कुछ दिखा देता है
अपनापन तो हर कोई दिखाता है
पर अपना कौन है ये “वक़्त” दिखाता है
18. जिसको आपकी कदर होगी वह लड़ झगड़ भी आपका अपना होगा
और जिसे नहीं होगी वह मीठा बोलकर भी पता नहीं कब आपकी ज़िंदगी से ओझल हो जायेगा
19. “जीना” उसके लिये जो आप पर अपनी जान छिड़कता हो
मरना उसके लिये जो अपनी जान से ज़्यादा आपको चाहता हो
दोस्तों !! दुनिया की भीड़ में आपको अनेको अपनापन जताने वाले मिलेंगे लेकिन साथ उसी का देना जो भीड़ में भी सिर्फ़ आपको ही पहचानता हो
20. जिन्दगी की जंग में खुद को ही कृष्ण और अर्जुन बनना पड़ता है
रोज़ अपना ही सारथी बनकर जीवन की महाभारत को लड़ना पड़ता
जीवन से जूझना सीखो टूटना नहीं
आपकी आभारी
विमला की क़लम से ✍🏼✍🏼