एक किताब की तरह हूँ मैं

एक किताब की तरह हूँ मैं  कितनी भी पुरानी हो जाए पर  उसके अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे  क्योकि हमारा ये मानना कि  चाहे कैसी भी परिस्थिति हो  जिंदगी मे सुख दुख तो मेहमान की तरह है कभी आयेंगे तो कभी चले जायेंगे यदि वो नहीं आयेंगे तो  हम​ तर्जुबा कहां से लायेंगे​ हमारी ये बाते कभी…

Good day to all divine souls…..

कितनी अजीब बात है ना….84 लाख योनियो मे से मनुष्य योनि वाले जीव ही धन का उपार्जन करते है , फिर भी अन्य कोई योनि वाला जीव कभी भूखा नही मरा , और मनुष्य का कभी भी पेट नही भरा…