मदर्स डे पर मॉ को बेटी का अनोखा उपहार….

मदर्स डे पर मॉ को बेटी का अनोखा उपहार….

ऐसे तो हर साल मर्दस डे पर बेटियॉ विश करके कुछ ना कुछ गिफ़्ट लाकर देती है पर आज मदर्स डे पर बेटियॉ आई और अपनी अपनी बात बोलने लगी । बेटियॉ बोली ,मॉ हम जो माँगेंगे वो दोगी ना ?

माँ, पता है आज सभी की पोस्ट्स मदर्स डे से भरी पड़ी है। किसी ने अपने भावनाओं को पिरो कर कविता बुनी है तो किसी ने लिख कर आभार व्यक्त किया है, किसी ने अपनी माँ को बाहर ले जाने का ,घुमने का तो किसी ने उपहार देकर उत्साह बयान किया है ।किसी ने घर के कुछ काम की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है।किसी ने आपकी फ़ोटो फेसबुक मे डालकर प्यार जताया है ।

वैसे तो माँ, साल का ये एक दिन कोई इंचटेप नहीं जिससे बच्चे का उसकी माँ के प्रति प्रेम मापा जा सके, फ़िर भी सभी की कुछ विशेष करने की कोशिश रहती है। 

हर कोई अपनी छोटी सी कोशिश से अपनी माँ के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान लाना चाहता है। हम भी लाना चाहते हैं ,माँ। पर कैसे? 

देने के लिए तो कुछ ख़ास नहीं है हमारे पास माँ !! पर हाँ, बहुत समय से कुछ आपसे माँगना ज़रूर चाहते हैं । दोगी ना हमे ,जो भी माँगेंगे । वैसे तो आपने ना ही कब किया है हमने जो भी माँगा, जब भी माँगा, हँसते हँसते दिया है ।

हमे आज कई बातो के लिये माफ़ी मॉगनी है ।माफ कर दोगी ना मॉ?

 याद है मॉ एक बार आपने सब्जी लाने को बोला था तो मैं चिल्ला उठी थी ये कहकर कि मैं पहले से ही ऑफ़िस के काम से परेशान हूँ और मुझे तंग ना करो । उस दिन मैं अपना कर्त्तव्य निभाना भूल गयी थी मॉ ,आपकी ढेर सारी ज़िम्मेदारियॉ को महसूस नही कर पाई ।

माफ कर दोगी ना मॉ?

 वैसे कई बदसलूकियो के लिए माफ़ी मांगनी है। 

माफ़ी दोगी ना, माँ?  

याद है एक दिन कैसे आपने बडे प्यार से फ्रूट ,खजूर हमे रूम मे लाकर दिये लेकिन हमने चिढ़कर खाने से मना कर दिया और बोले कि आप हर समय क्यों हमारे खाने के पीछे पड़ी रहती है । कभी कभी तो खाने की वस्तुयें चुपके से कचरेदान मे डालकर झूठ ही बोल देते कि खा ली ।

एक दिन तो हद ही कर दी मॉ कि आपके कुछ कहने पर लड़कर मैने गुस्से मे चेयर को फेंक दी और दरवाज़ा बंद करके बैठ गई । उस दिन एक बेटी माँ की ममता को ना समझ सकी।

ऐसे हमने कई बार आपको दुख दिया मॉ । हमे सब बातो के लिये आज माफ़ी मॉगनी है ।

माफ कर दोगी ना, माँ?  

और भी बहुत कुछ याद आता है मॉ !! कैसे एक दिन मोबाइल पर मैसेज करने का तरीक़ा पूछने के लिये आप मेरे पास आयी थी, इस उम्मीद में कि मैं आपकी मदद करुँगी? मैंने कैसे गुस्से से फ़ोन लेकर कहा था कि मॉ आपको कितनी दफ़ा मैसेज करना सिखाया लेकिन आपको पल्ले ही नही पड़ता ।

उस दिन एक बेटी अपना बचपन भूल गयी थी कि माँ आपने तो मुझे उठना बैठना ,चलना फिरना ,खाना पीना सभी कुछ सिखाया वो भी खुशी और प्यार से ।

याद है एक दिन कैसे रात को देर से आने पर आपके द्वारा कारण पूछने पर चिल्लाकर बोल दिया कि आप को मुझ पर जरा भी विश्वास नही है जो इतना पूछ रही हो । मैने तो यहॉ तक कह दिया कि आपने हमेशा मुझे बंदिश मे रखा । मुझे मेरी पसंद का कुछ भी नही करने दिया । कितनी ग़लत बात कह दी मॉ !!  जबकि आपने कभी किसी भी बात के लिये कभी भी रोक टोक नही की ,कभी भी उच्ची आवाज़ मे बात नही की ।

इन सब बदतमीजयो के लिये माफ कर दोगी ना ? मॉ 

वैसे तो आपने कभी मॉगने पर ना नहीं किया । जो भी माँगा, सब दिया और एक मैं हूँ जिसने सिर्फ माँगा ही है और आज भी माँगा है। फ़र्क़ बस इतना है कि पहले कुछ भी मांगने पर शर्म महसूस नही होती पर आज अपनी की गई गलती पर शर्मदिंगी महसूस हो रही हैं । कभी शायद इस मांग के बदले वो अद्धभुत, अमूल्य, अमिश्रित मिलने वाले भावों को समझा नहीं। आज समझ लिया है, माँ। 

तो जो माँगा है वो दोगी ना, माँ? 
माफ़ी दोगी ना हमे सब बातो के लिये ? माँ !!

लिखने मे गलती हो तो क्षमाप्राथी🙏🙏

जय सच्चिदानंद 🙏🙏

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